शनिवार, जून 28, 2025
होमSocietyसुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो के दोषियों की सज़ा में छूट को...

सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो के दोषियों की सज़ा में छूट को किया रद्द

Published on

spot_img
Follow Us : Google News WhatsApp

गुजरात की सरकार ने दोषियों की सज़ा में दिया था छूट

न्यूज ब्यूरो। बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को जेल से रिहा करने का गुजरात सरकार के फैसला को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस फैसला के बाद गैंगरेप और 7 लोगों की हत्या के सभी दोषी एक बार फिर से कानून के शिकंजे में आ गए है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि गुजरात की सरकार के पास दोषियों की सजा माफ करने का अधिकार नहीं है। कहा कि दोषियों को महाराष्ट्र में सजा मिली थी। लिहाजा, रिहाई पर फैसला देने का अधिकार भी महाराष्ट्र सरकार की है।

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सुनाई थी सजा

जनवरी 2008 में मुंबई की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बिलकिस बानो के दोषियों को उम्रकैद की सजा दी थी। इसके 14 साल बाद 15 अगस्त 2022 को गुजरात सरकार की माफी नीति के तहत सभी दोषियों को गोधरा कारागार से रिहा कर दिया गया था। जिन लोगो को रिहा किया था, उनमें राधेश्याम शाह, जसवंत नाई, गोविंद नाई, शैलेश भट्ट, विपिन चंद्र जोशी, राजूभाई सोनी, केशरभाई वोहानिया, प्रदीप मोढ़डिया, बाकाभाई वोहानिया, मितेश भट्ट और रमेश चांदना शामिल हैं।

कारसेवको की मौत से भड़का था दंगा

वह 27 फरवरी 2002 का दिन था। अयोध्या से लौट रही साबरमती एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों को गुजरात के गोधरा रेलवे स्टेशन पर आग के हवाले कर दिया गया। इस हादसे में 59 कारसेवकों की जलकर मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे गुजरात में दंगा भड़क गया था। बिलकिस बानो गुजरात के दाहोद जिले के रंधिकपुर गांव की रहने वाली हैं। हमले से बचने के लिए बिलकिस अपनी साढ़े तीन साल की बेटी सालेहा और 15 दूसरे लोगों के साथ गांव छोड़कर चली गईं। उस समय बिलकिस की उम्र 21 साल थी और वह पांच महीने की गर्भवती थीं।

बिलकिस बानो का आरोप

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि 3 मार्च 2002 को वह छप्परवाड़ गांव पहुंची। बिलकिस का कहना है कि वह अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ खेत में छिपी थी। तभी तलवार और लाठियां लेकर आए 20-30 लोगों की भीड़ ने उनपर हमला कर दिया। दंगाईयों ने महिलाओं को बुरी तरह से पीटा और उनके साथ रेप किया। इनमें बिलकिस बानो की मां भी शामिल थीं। हमलावरो ने रंधिकपुर के 7 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इसमें बिलकिस की बेटी भी शामिल थी। हालांकि, इस हमले में छह लोग अपनी जान बचाकर भागने में कामयाब हो गए थे। बिलकिस बानो का कहना है कि इस हादसे के बाद कुछ घंटों तक वह बेहोश पड़ी रहीं। होश आने के बाद आसपास मौजूद लोगों ने उनकी मदद की। अपराधियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए उन्हें नजदीकी लिमखेड़ा पुलिस स्टेशन ले जाया गया।

शुरुआत में पुलिस ने की थी लापरवाही

बिलकिस बानो और उनके समर्थकों ने न्याय के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। आरोप है कि जघन्य अपराध होने के बावजूद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शुरुआत में एफआईआर लिखने से मना कर दिया गया। बाद में एफआईआर लिखी गई। पर, ठीक से जांच नहीं की गई। कई रोज बाद मेडिकल जांच की गई। सबूतों से भी छेड़छाड़ की गई। हालांकि, यह भी सच है कि बाद में अपराधियों को बचाने के आरोप में तीन पुलिसवालों को तीन साल की सजा मिली थी।

एनएचआरसी के हस्तक्षेप से हुआ जांच

घटना के करीब एक साल बाद गुजरात पुलिस ने केस की फाइल बंद कर दी। इसके बाद बिलकिस बानो ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) से गुहार लगाई। एनएचआरसी के हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और सीबीआई को पूरे मामले की नए सिरे से जांच करने का आदेश दिया। सीबीआई ने बिलकिस बानो के मारे गए परिवार के सदस्यों का शव कब्र से निकाल कर जांच शुरू कर दी। जांच में पुलिस की लापरवाही सामने आ गई। इसके बाद वर्ष 2004 में सीबीआई ने 18 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया। इस दौरान कुल 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

बिलकिस बानो को बदलना परा ठिकाना

सीबीआई की जांच शुरू होते ही बिलकिस बानो और उनके परिवार को परेशान किया जाने लगा। उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं। इसका नतीजा ये हुआ है कि दो साल के भीतर बिलकिस बानो को करीब 20 बार अपना ठिकाना बदलना पड़ा। इस बीच बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई कि केस को गुजरात के बाहर किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर कर दिया जाये। अगस्त 2004 में मामला मुंबई के स्पेशल सीबीआई कोर्ट में आ गया।

हैवानियत करने वालों की हुई पहचान

सीबीआई कोर्ट में ट्रायल के दौरान बिलकिस बानो ने एक-एक आरोपी की पहचान कर ली। इसके बाद 21 जनवरी 2008 को मुंबई की सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने गर्भवती महिला से रेप और हत्या के आरोप में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुना दी। कोर्ट ने सबूत के अभाव में सात अन्य लोगों को रिहा कर दिया। इनमें पांच पुलिसवाले और दो डॉक्टर भी शामिल थे। बतातें चले कि एक दोषी की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी। दोषियों ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी। दिसंबर 2016 में मुंबई हाईकोर्ट ने 11 अपराधियों की सजा को बरकरार रखा।

गुजरात सरकार ने दोषियों को किया रिहा

करीब 14 साल से अधिक की सजा काट चुके एक सजायाफ्ता ने वर्ष 2022 में गुजरात हाईकोर्ट में रीमिशन के लिए याचिका दायर की। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा इस मामले में रीमिशन का अधिकार महाराष्ट्र सरकार के पास है। क्योंकि, केस वहीं चल रहा है। सजायाफ्ता ने फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को इस मामले में विचार करने का आदेश दिया। इसके बाद गुजरात सरकार ने सुजल मायात्रा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया। समिति ने सभी दोषियों को रिहा करने का फैसला दे दिया। इसके बाद 15 अगस्त 2022 को सभी दोषियों को रिहा कर दिया था।


Discover more from

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Latest articles

गुम है किसी के प्यार में: शो के ऑफ एयर होने की अफवाहों पर भाविका शर्मा ने तोड़ी चुप्पी

टीवी की दुनिया का मशहूर शो गुम है किसी के प्यार में इस समय...

काजोल की नई हॉरर फिल्म ‘माँ’ को मिला शानदार रिस्पॉन्स: एक नई भूमिका में काजोल की बेहतरीन एक्टिंग

काजोल की बहुप्रतीक्षित हॉरर फिल्म माँ आखिरकार 27 जून, 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज...

17 सालों बाद ‘तारक मेहता’ से खत्म हुआ इन तीन मुख्य पात्रों का सफर, फैंस को लगेगा बड़ा झटका

टीवी शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा जो पिछले 17 सालों से दर्शकों का...

बिहार सरकार ने त्योहारों में यात्रियों की सुविधा के लिए 299 नई बसों की शुरुआत की

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावी...

More like this

बिहार सरकार ने त्योहारों में यात्रियों की सुविधा के लिए 299 नई बसों की शुरुआत की

बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनावी...

बिहार में शिक्षकों के लिए खुशखबरी: अब स्वयं कर सकेंगे ट्रांसफर, जानें ई-शिक्षाकोष पोर्टल से आवेदन कैसे करें

बिहार में शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे...

तेज प्रताप यादव ने खुद को बताया दूसरा लालू यादव, तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का दिया समर्थन

बिहार की राजनीति में अपनी बेबाक बयानबाजी और अनूठे अंदाज के लिए पहचाने जाने...

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: आस्था, प्रेम और समर्पण का अद्वितीय उत्सव

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 ओडिशा के पुरी शहर में हर साल आयोजित होने वाला...

‘सरदार जी 3’ ट्रेलर विवाद: गुरु रंधावा का गुस्सा, ट्वीट से जताया गुस्सा

हाल ही में 'सरदार जी 3' फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ, जिसमें पाकिस्तानी अभिनेत्री...

आज का राशिफल, 27 जून 2025: जानिए आज के दिन किस राशि को मिलेगा भाग्य का साथ

आज 27 जून 2025, शुक्रवार का दिन राशियों के हिसाब से बहुत ही महत्वपूर्ण...

बिहार में 27 जून को गयाजी समेत 5 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

मानसून के मौसम के दौरान बिहार में आज यानी शुक्रवार, 27 जून 2025 को...

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण, NH-28 पर सुरक्षा खतरे की स्थिति

मुजफ्फरपुर में मीनापुर-टेंगराहा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी की गई...

अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का पहला संदेश: ISS पर डॉकिंग से पहले भारत का गौरवमयी क्षण

भारत के अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर जुड़...

पेट की सेहत सुधारने और पाचन समस्याओं को कम करने के लिए 10 सबसे प्रभावी खाद्य पदार्थ और जड़ी-बूटियाँ

जैसे-जैसे हम उम्र बढ़ाते हैं, हमारे शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, जिसके...

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी, चुनाव चिन्हों का आवंटन: पार्टी के नए प्रतीक और चुनावी रणनीतियाँ

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियाँ अब तेज़ हो गई हैं। चुनाव आयोग ने विभिन्न...

26 जून 2025, आज का राशिफल: करियर में सफलता और पहचान बढ़ाने का अवसर

आज का दिन 26 जून 2025, खासतौर पर पेशेवर जीवन में तरक्की और पहचान...

बिहार में अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

बिहार में अगले 24 घंटों में बारिश की गतिविधियों में तेजी आने की संभावना...

बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बने प्रोफेसर, अब कॉलेज में पढ़ाएंगे राजनीति शास्त्र

बिहार के वरिष्ठ नेता और राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ. अशोक चौधरी अब शिक्षा के क्षेत्र में...

भारतीय क्रिकेट के ऐतिहासिक माइलस्टोन: 25 जून, भारतीय क्रिकेट के लिए एक खास दिन

KKN गुरुग्राम डेस्क | 25 जून भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण...
Install App Google News WhatsApp